श्रीमती ज्वालामालीनी अम्मल का जन्म १९४४ में बिरूदुर, वंदवासी, तमिलनाडू में हुआ था, एक आदरणीय व्यक्तित्व हैं। उनकी माता का नाम स्व. पद्मावती और पिता का नाम स्व. चिन्नस्वामी था। श्रीमती ज्वालामालीनी अम्मल की शादी १९६४ में स्व. पुन्नुसामी से हुई, और उनके दो पुत्र (विवाहित) राजेन्द्र प्रसाद और जीवघन तथा एक पुत्री (विवाहित) कलईवाणी हैं। उनकी जाति नैनार है और उनकी शिक्षा ८वीं कक्षा तक सीमित रही है। उन्होंने वैराग्य की प्रेरणा आर्यिका श्री १०५ सुयोगमती माताजी से प्राप्त की और २०११ में जीवनभर ब्रह्मचर्य का व्रत लिया। ब्रह्मचर्य व्रत का आयोजन पुजल, तमिलनाडू में किया गया। उन्होंने ४ नवम्बर २०१६ को प्रतिमा व्रत लिया और गृह त्याग भी उसी दिन नागपुर (चातुर्मास) में किया। उनकी क्षुल्लिका दीक्षा ८ मई २०२२ को बिरूदुर, तमिलनाडू में आर्यिका श्री १०५ सुयोगमती माताजी से हुई।
Shrimati Jwalamalini Ammal born in 1944 in Birudur, Vandavasi, Tamil Nadu, is a revered personality. Her mother's name was Late Padmavati, and her father's name was Late Chinnaswamy. Mataji was married to Late Punnusamy in 1964, and she has two sons (married) Rajendra Prasad and Jeevghan, and one daughter (married) Kalaivani. Her caste is Nainar, and her education level was up to the 8th grade. She was inspired to embrace renunciation by Aryika Shri 105 Suayogmati Mataji and took a lifelong vow of Brahmacharya in 2011, with the vow ceremony held in Pujal, Tamil Nadu. She took the Pritima Vrat on 04 November 2016 and left her home on the same day in Nagpur (Chaturmas). Her Kshullika initiation took place on 08 May 2022 in Birudur, Tamil Nadu, with Aryika Shri 105 Suayogmati Mataji as her guru.