मुनि श्री १०८ सैय्यम सागरजी महाराज १० मई १९९० को कर्नाटक के हवेरी जिले के हंगल (बालमबीद) में जन्मे थे। उन्होंने २०१४ में आचार्य श्री १०८ विद्या सागरजी महाराज के मार्गदर्शन में २ प्रतिमा के साथ ब्रह्मचर्य व्रत ग्रहण किया। उनका मुनि के रूप में साधना का सफर २० दिसंबर २००६ को आचार्य श्री १०८ जिनसेंजी महाराज के उपदेश में शुरू हुआ। उन्होंने प्रतिदिन नमोकार मंत्र के १२५ माला का जाप करने में विशेष समर्पण दिखाया है, जो लगभग १० से १२ घंटे तक का समय लेता है, जो उनके आध्यात्मिक साधना के प्रति उनकी गहरी समर्पण का प्रतिबिम्ब है।
Muni Shri 108 Saiyyam Sagarji Maharaj was born on 10th May 1990 in Balambeed, Hangal (Haveri), Karnataka. He embraced the path of spirituality early in his life, taking the Brahmacharya Vrat under the guidance of Acharya Shri 108 Vidya Sagarji Maharaj in 2014, with a commitment of 2 Pratima. His journey as a Muni began on 20th December 2006, under the tutelage of Acharya Shri 108 Jinsenji Maharaj. Notably, Maharaj Ji showcases exceptional dedication by chanting 125 Malas daily of the Namokar Mantra, an arduous practice that spans nearly 10 to 12 hours daily, reflecting his profound commitment to his spiritual practice.