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#UttamSagarJiMaharaj1960VidyaSagarJi
Muni Shri 108 Uttam Sagarji Maharaj was born on 01-June-1960 in Abdulla laat, Dist-Kolhapur (Maharshtra). His name was Shreepal Ji in Planetary state. He received initiation from Acharya Shri 108 Vidya Sagarji Maharaj.
मुनि श्री एक महाकवि के रूप में जाने जाते है।मुनि श्री के द्वारा लिखित "हाइकू" ज्ञान वर्धक हैं।मुनि श्री के द्वारा "श्री जी का अभिषेक करें हम लेके शुद्ध जल द्वारा धुल जाए पाप हमारा" जो प्रतिदिन जिनालयो में अभिषेक के समय पर गाया जाता है।मुनि श्री बच्चों के प्रति अलग ही स्नेह रखते हैं।आपकी एलक दिक्षा नहीं हुई|
मुनि श्री १०८ उत्तमसागर जी महाराज परम पूज्य बालब्रम्हचारी संत शिरोमणि आचार्य श्री १०८ विद्यासागर जी महाराज के १३ वें शिष्य हैं
मुनि श्री का जीवन परिचय -
दीक्षा से पूर्व नाम : श्रीपाल गिरमल जैन
जन्म तिथि : 01-06-1960
जन्म स्थान : लाट, कोल्हापुर, महाराष्ट्र
पिता का नाम : श्री बाळू गिरमल जैन
माता का नाम : श्री सौभाग्यवती हौसाबाई गिरमल जैन
लौकिक शिक्षा : दसवी [S.S.C] तक
ग्रह त्याग : रविवार, दि. 24-08-1986
संघ प्रवेश : बुधवार, दि. 27-08-1986, अतिशय क्षेत्र पपौराजी
ड्रेस चेंज : गुरुवार, दि. 28-08-1986
दि. 09-10-1986 को एक साल के लिए नमक का त्याग
दि. 08-11-1986 को ब्रम्हचारी अवस्था में प्रथम केशलोच एक घण्टे में अपने हाथ से
दीक्षा गुरु – परम पूज्य बालब्रम्हचारी संत शिरोमणि आचार्य श्री १०८ विद्यासागर जी महाराज
क्षुल्लक दीक्षा – सिद्धक्षेत्र नैनागिरि के पंचकल्याणक में दि. 10-02-1987
दि. 12-02-1986 से आजीवन नमक और मीठा का त्याग
ऐलक दीक्षा – नहीं
मुनि दीक्षा – श्री सिद्धक्षेत्र सोनागिरि में गुरुवार दि. 31-03-1988 को महावीर जयंति के शुभ अवसर पर |
मुनिश्री की अमूल्य रचनात्मक कृतियाँ प्रकाशित :
संतो के संत (गुरु के बारे में 125 भजन)
सुख के साधन (400 दोहे, 4 शतक - धर्मोदय शतक, संयमोदय शतक, भाग्योदय शतक, सुखोदय शतक)
बुद्धि के बेटे (525 दोहे)
मुक्ति के मुक्तक (125 मुक्तक 3 बार प्रकाशित)
भाव भक्ति (24 तीर्थंकरों की स्तुति) 12 बार प्रकाशित 20 वर्ष पूर्व में श्री सिद्धक्षेत्र मुक्तागिरि में लिखीत)
पूजन भजन (मराठी और कन्नड भाषा में प्रकाशित)
श्रावकोपयोगी संग्रह (मराठी भाषा में प्रकाशित)
प्रकाशित क्षेत्रों की पूजायें
सिद्धक्षेत्र तारंगा
सिद्धक्षेत्र नेमावर
भगवान पार्श्वनाथ नेमावर के
सिद्धक्षेत्र कुंडलपुर — ये हिंदी में
सिद्धक्षेत्र मुक्तागिरि की मराठी भाषा में
गुरुवर श्री आचार्य विद्यासागर जी की हिंदी में तीन पूजायें, मराठी में एक पूजा
भरत भगवान की पूजा हिंदी में
गुरुवर की 108 नामों में स्तुति
आचार्य विद्यासागर चालीसा
सिद्धक्षेत्र सिद्धोदय छियालिस
भगवान देशभूषण-कुलभूषण-छियालीसा – मराठी भाषा में
चारित्र चक्रवर्ती आचार्य शांतिसागर जी - छियालिसा
मुनि पुंगव सुधासागर जी छियालिसा
विरोधाभास निंदात्मक - अष्टकारक में गुरु के तीन अष्टक
मौनाष्टक
सुधासिंधु अष्टक
प्रमाणसिंधु अष्टक (प्रकाशित) योग सिंधु व नियम सिंधु अष्टक (अप्रकाशित) हिंदी और मराठी में भगवान व गुरु की 10 आरती
प्रकाशित ओडियो केसेट
संत के दोहे
मत कर तू मनमानी
छोटे छोटे शिष्य है पर
ज्ञान सागर बनके विद्या सागर बनके, आदि ।
अनेक चित्रालंकार में स्तुति ग्रंथ
अनेक चित्रालंकार मेंकर्मजयी (दिव्य स्तुति)
वर्णोपदश शतक (अक्षरों का 110 दोहे में उपदेश)
पारिभाषिक उपदेश दोहा शतक
पूर्वाचार्यो के प्राकृत और संस्कृत ग्रंथों का हिंदी भाषा में पद्यानुवाद
अष्टपाहुड का विविध छंदों में
कर्मकाण्ड के - 972 गाथाओं का हिंदी के विविध छंदों में अनुवाद
अकलंकस्तोत्र का, स्वरूपसंबोधन का, कल्याणमंदिर का, प्रचनसार का, रयणसार का, महावीराष्टक का हिंदी भाषा में अनुवाद ।
प्रकाशित
प्रवचन पटु मुनि पुंगव सुधासागरजी के प्रवचन के कुटेशन – "सुधा संदोहन, अहिंसा का शंखनाद" ।
https://www.uttamsagarbhaktsangh.org/
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https://www.uttamsagarbhaktsangh.org/
मुनि श्री १०८ उत्तम सागरजी महाराज
Acharya Shri 108 VidyaSagarji Maharaj (AcharyaShri) 1946
आचार्य श्री १०८ विद्यासागरजी महाराज (आचार्यश्री) १९४६ Acharya Shri 108 VidyaSagarji Maharaj (AcharyaShri) 1946
संतोष खुळे (जैन) इन्होने दि. २९ अगस्त २०२१ को श्री उत्तम सागर जी महाराजजी का जीवन परिचय समाविष्ट किया है |
Sanjul Jain
AcharyaShriVidyasagarjiMaharaj
Muni Shri 108 Uttam Sagarji Maharaj was born on 01-June-1960 in Abdulla laat, Dist-Kolhapur (Maharshtra). His name was Shreepal Ji in Planetary state. He received initiation from Acharya Shri 108 Vidya Sagarji Maharaj.
मुनि श्री एक महाकवि के रूप में जाने जाते है।मुनि श्री के द्वारा लिखित "हाइकू" ज्ञान वर्धक हैं।मुनि श्री के द्वारा "श्री जी का अभिषेक करें हम लेके शुद्ध जल द्वारा धुल जाए पाप हमारा" जो प्रतिदिन जिनालयो में अभिषेक के समय पर गाया जाता है।मुनि श्री बच्चों के प्रति अलग ही स्नेह रखते हैं।आपकी एलक दिक्षा नहीं हुई|
Sadhu Jiwan Darshan
Muni Shri 108 Uttam Sagarji Maharaj
आचार्य श्री १०८ विद्यासागरजी महाराज (आचार्यश्री) १९४६ Acharya Shri 108 VidyaSagarji Maharaj (AcharyaShri) 1946
आचार्य श्री १०८ विद्यासागरजी महाराज (आचार्यश्री) १९४६ Acharya Shri 108 VidyaSagarji Maharaj (AcharyaShri) 1946
Acharya Shri 108 VidyaSagarji Maharaj (AcharyaShri) 1946
Acharya Shri 108 Vidya Sagarji Maharaj
Sanjul Jain
#UttamSagarJiMaharaj1960VidyaSagarJi
AcharyaShriVidyasagarjiMaharaj
#UttamSagarJiMaharaj1960VidyaSagarJi
UttamSagarJiMaharaj1960VidyaSagarJi
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