Nov 10
Bahu Punya Punj Prasang Se- Amulya Tatva Vichar बहु पुण्य पुंज प्रसंग से – अमूल्य तत्व विचार

बहु पुण्य-पुंज प्रसंग से शुभ देह मानव का मिला तो भी अरे! भव चक्र का, फेरा न एक कभी टला ॥१॥

Nov 10
Shreepati Jinvar Karunayatan- Dukh-Haran-Vinati श्रीपति जिनवर करुणायतन – दुख हरन विनति

श्रीपति जिनवर करुणायतनं, दुखहरन तुम्हारा बाना है मत मेरी बार अबार करो, मोहि देहु विमल कल्याना है ॥टेक॥

Nov 09
Vando Pancho Param Guru- Alochana Paath वंदो पंचों परम गुरु – आलोचना पाठ

वंदो पांचो परम - गुरु, चौबिसों जिनराज करूँ शुद्ध आलोचना, शुद्धि करन के काज ॥१॥

Nov 09
Tum Chirantan Main Laghukshan- Arhat Vandana तुम चिरंतन मैं लघुक्षण – अरहंत वंदना

तुम चिरंतन, मैं लघुक्षण लक्ष वंदन, कोटी वंदन ॥

Nov 09
Main Dev Nit Arihant Chahu – Aradhana Paath मैं देव नित अरिहंत चाहूं – आराधना पाठ

मैं देव नित अरहंत चाहूँ, सिद्ध का सुमिरन करौं । मैं सुर गुरु मुनि तीन पद ये, साधुपद हिरदय धरौं ॥

Nov 09
Mithyatam Nasve Ko- Jinvani-Stuti मिथ्याताम नाशवे को – जिनवाणी स्तुति

मिथ्यातम नासवे को, ज्ञान के प्रकासवे को, आपा-पर भासवे को, भानु-सी बखानी है ।