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#VijaySagarJiMaharaj1881SuryaSagarJi
Acharya Shri 108 Vijay Sagar Ji Maharaj was from the lineage of Acharya Shanti Sagar Ji Maharaj (Chhani) and is recoginized as the 3rd greatest in the lineage of Acharya Shanti Sagar Ji Maharaj (Chhani). Acharya Shri was born in the year 1861.
Acharya Shri 108 Vijay Sagar Ji Maharaj Murar took Salekhna in Gwalior on 20th December, 1962.
आचार्य श्री १०८ विजय सागर जी महाराज
संक्षिप्त परिचय
संक्षिप्त परिचय | |
जन्म: | माघ सुदी ८ वि.सं. १९३८ सन १८८१ दिन गुरूवार |
जन्म स्थान : | सिरोली,जिला - ग्वालियर (म.प्र.) |
जन्म का नाम | श्री चोखेलाल जैन |
माता का नाम : | श्रीमती लक्ष्मी बाई |
पिता का नाम : | श्री मानिक चंद जैन |
क्षुल्लक दीक्षा : | इटावा (उ.प्र.) |
ऐलक दीक्षा : | मथुरा (उ.प्र.) |
मुनि दीक्षा : | मारोठ (राज.) |
मुनि दीक्षा गुरु : | आचार्य श्री १०८ सूर्य सागर जी महाराज |
आचार्य पद का स्थान : | लश्कर जिला - ग्वालियर (म.प्र.) |
समाधि मरण : | २० दिसंबर १९६२ (संवत २०१९) |
समाधी स्थल : | मुरार , जिला - ग्वालियर (म.प्र.) |
आचार्य श्री १०८ विजय सागर जी महाराज ,आचार्य शांति सागर जी महाराज (छाणी) परंपरा के तीसरे महान आचार्य हुए ।आचार्य विजय सागर जी का जन्म माघ सुदी ८ वि.सं. १९३८ सन १८८१ दिन गुरूवार को सिरोली (म.प्र.) में हुआ था ।इन्होने इटावा (उ.प्र.)में क्षुल्लक दीक्षा और मथुरा (उ.प्र.) से ऐलक दीक्षा ग्रहण करी तथा मारोठ (राज.)से आचार्य श्री सूर्य सागर जी से मुनि दीक्षा ग्रहण करी ।आचार्य सूर्य सागरजी का आचार्य पद पूज्य मुनि श्री विजय सागर जी को लश्कर में दिया गया था ।आचार्य विजय सागर जी महाराज परम तपस्वी वचनसिद्ध थे । कहा जाता है की एक गाँव में खारे पानी का कुआ था लोगो ने आचार्य श्री से कहा की हम सभी ग्राम वासियों को खारा पानी पीना पड़ता है ,आचार्य श्री ने सहज रूप से कहा डेको पानी खारा नही है,उसी समय कुछ लोगो ने पानी पीकर देखा तो वह खाना नही बल्कि मीठा पानी था ।आपके ऊपर बहुत उपसर्ग भी आये जिन्हें आपने समता भाव से सहन किया । आपका समाधि मरण वि. सं. २०१९ (२० दिसम्बर १९६२)में मुरार ग्वालियर में हुआ ।
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आचार्य श्री १०८ विजय सागरजी महाराज
आचार्य श्री १०८ सूर्य सागरजी महाराज १८८३ Acharya Shri 108 Surya Sagarji Maharaj 1883
SuryaSagarJiMaharaj1883ShantiSagar(Uttar)
Acharya Shri 108 Vijay Sagar Ji Maharaj was from the lineage of Acharya Shanti Sagar Ji Maharaj (Chhani) and is recoginized as the 3rd greatest in the lineage of Acharya Shanti Sagar Ji Maharaj (Chhani). Acharya Shri was born in the year 1861.
Acharya Shri 108 Vijay Sagar Ji Maharaj Murar took Salekhna in Gwalior on 20th December, 1962.
Acharya Shri 108 Vijay Sagar Ji Maharaj was from the lineage of Acharya Shanti Sagar Ji Maharaj (Chhani) and is recoginized as the 3rd greatest in the lineage of Acharya Shanti Sagar Ji Maharaj (Chhani). Acharya Shri was born in the year 1861.
It is said that there was a salt water well in a village and the people informed Acharya Shri that all the villagers had to thrive by drinking that saline water only. Acharya Shri went there, drank the water from the well and then asked the people to check if the water is still saline. So, at the same time when some people drank that water, they found that it was not saline anymore.
Acharya Shri 108 Vijay Sagar Ji Maharaj
आचार्य श्री १०८ सूर्य सागरजी महाराज १८८३ Acharya Shri 108 Surya Sagarji Maharaj 1883
आचार्य श्री १०८ सूर्य सागरजी महाराज १८८३ Acharya Shri 108 Surya Sagarji Maharaj 1883
#VijaySagarJiMaharaj1881SuryaSagarJi
SuryaSagarJiMaharaj1883ShantiSagar(Uttar)
#VijaySagarJiMaharaj1881SuryaSagarJi
VijaySagarJiMaharaj1881SuryaSagarJi
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