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#VeernandniMataJi1949VasunandiJiMaharaj
Aryika Shri 105 Veernandni Mataji was born on 13 December 1949 in Tada Kesali, Dist-Sagar, Madhya Pradesh. Her name was Vijyabai Jain before diksha. She received initiation from Acharya Shri 108 Vasunandiji Maharaj.
विज्याबाई जैन का जन्म १३ दिसंबर १९४९ को टाडा, केसली, सागर, मध्य प्रदेश में हुआ था। उनकी माताजी का नाम श्रीमती चंपा बाईजी जैन और पिताजी का नाम श्री प्रेमचंदजी जैन था। उन्होंने १९९५ में आचार्य श्री १०८ विद्यासागरजी महाराज के सानिध्य में कुंडलपुर, दमोह, मध्य प्रदेश में ब्रह्मचर्य व्रत ग्रहण किया। इसके बाद, २००१ में आचार्य श्री १०८ विद्यासागरजी महाराज से सागर में सात प्रतिमा व्रत लिया। १३ दिसंबर २०१० को उन्हें राजाखेड़ा, राजस्थान में क्षुल्लिका दीक्षा प्राप्त हुई। अंततः ९ मार्च २०१४ को श्री जंबूस्वामी तपोस्थली, राजस्थान में आचार्य श्री १०८ वसुनंदिजी महाराज के सानिध्य में आर्यिका दीक्षा प्राप्त की। दीक्षा पश्चात उनका नाम आर्यिका श्री १०५ वीरनंदनी माताजी रखा गया।
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आर्यिका श्री १०५ वीरनन्दनी माताजी
Acharya Shri 108 Vasunandiji Maharaj 1967
आचार्य श्री १०८ वसुनंदीजी महाराज १९६७ Acharya Shri 108 Vasunandiji Maharaj 1967
वर्ष | स्थान |
---|---|
2011 | अलीगढ़ (उ.प्र.) |
2012 | टूण्डला (उ.प्र.) |
2013 | शौरीपुर-बटेश्वर (उ.प्र.) |
2014 | श्री जम्बूस्वामी तपोस्थली (बौलखेड़ा, राज.) |
2015 | बांदकपुर (दमोह, म.प्र.) |
2016 | हथिनी (दमोह, म.प्र.) |
2017 | वरगी (जबलपुर, म.प्र.) |
2018 | हथिनी (दमोह, म.प्र.) |
संतोष खुळे इन्होने २२ सप्टेंबर २०२१ को माता जी का परिचय समाविष्ट किया है |
Sanjul Jain on 28-01-2021 created wiki page for Maharaj Ji
VasunandijiMaharaj1967VidyanandJi
Aryika Shri 105 Veernandni Mataji was born on 13 December 1949 in Tada Kesali, Dist-Sagar, Madhya Pradesh. Her name was Vijyabai Jain before diksha. She received initiation from Acharya Shri 108 Vasunandiji Maharaj.
Vijyabai Jain was born on December 13, 1949, in Tada, Kesali, Sagar, Madhya Pradesh. Her mother's name was Shrimati Champa Baiji Jain, and her father's name was Shri Premchandji Jain. In 1995, she took the vow of celibacy under the guidance of Acharya Shri 108 Vidya Sagarji Maharaj in Kundalpur, Damoh, Madhya Pradesh. Later, in 2001, she took the Sapta Pratima Vrat in Sagar, guided by Acharya Shri 108 Vidya Sagarji Maharaj. On December 13, 2010, she received Kshullika Diksha in Rajakheda, Rajasthan. Finally, on March 9, 2014, at Shri Jambu Swami Taposthali, Rajasthan, she received Aryika Diksha under the guidance of Acharya Shri 108 Vasunandiji Maharaj. After Diksha, she was named Aryika Shri 105 Veernandni Mataji.
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Aryika Shri 105 Veernandni Mataji
आचार्य श्री १०८ वसुनंदीजी महाराज १९६७ Acharya Shri 108 Vasunandiji Maharaj 1967
आचार्य श्री १०८ वसुनंदीजी महाराज १९६७ Acharya Shri 108 Vasunandiji Maharaj 1967
Acharya Shri 108 Vasunandiji Maharaj 1967
वर्ष | स्थान |
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2011 | अलीगढ़ (उ.प्र.) |
2012 | टूण्डला (उ.प्र.) |
2013 | शौरीपुर-बटेश्वर (उ.प्र.) |
2014 | श्री जम्बूस्वामी तपोस्थली (बौलखेड़ा, राज.) |
2015 | बांदकपुर (दमोह, म.प्र.) |
2016 | हथिनी (दमोह, म.प्र.) |
2017 | वरगी (जबलपुर, म.प्र.) |
2018 | हथिनी (दमोह, म.प्र.) |
Acharya Shri 108 Vasunandiji Maharaj
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