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#ViniyogsagarjiViragSagarji1963
Muni Shri 108 Viniyog Sagarji Maharaj received Initiation from Acharya Shri 108 Virag Sagarji Maharaj.
मुनि श्री १०८ विनियोग सागरजी महाराज का जन्म नाम आकाश जैन 'गोलू' था। उनका जन्म १३ जुलाई १९९९ को आषाढ़ कृष्ण अमावस्या के दिन ग्वालियर, मध्य प्रदेश में हुआ था। उनके माता-पिता श्रीमती सविता जैन और श्रीमान रविंद्र जैन 'रवी' हैं। मुनि श्री जी ने १० मई २०१७ को सिद्धक्षेत्र सोनागिरजी, दतिया, मध्य प्रदेश में ब्रह्मचर्य व्रत लिया, जिसका गुरु परम पूज्य गणाचार्य श्री १०८ विरागसागरजी महाराज थे। इसके बाद, उन्होंने २ नवम्बर २०१७ को दिल्ली में क्षुल्लक दीक्षा और १२ दिसम्बर २०१८ को सम्मेद शिखरजी, झारखंड में ऐलक दीक्षा प्राप्त की। मुनि दीक्षा उन्होंने १३ फरवरी २०२३ को विरागीदय तीर्थ धर्मधाम पथरिया, मध्य प्रदेश में ली, वही उनके गुरु परम पूज्य गणाचार्य श्री १०८ विरागसागरजी महाराज थे। मुनि श्री का वैराग्य का कारण उनकी यह भावना थी: "जो संसार विषै सुख होता तीर्थकर क्यों त्यागे, काहे को शिवसाधन करते संजम सो अनुरागे"। मुनि श्री जी ने दही और तेल का आजीवन त्याग किया है और उनकी रुचि स्वाध्याय, जाप और भजन में है।
मुनि श्री १०८ विनियोग सागरजी महाराज ने २०१७ से २०२४ तक भारत के विभिन्न राज्यों में विहार किया है। २०२३ में दिल्ली से विरागोदय तीर्थ महामहोत्सव के लिए विहार करते समय उन्होंने अत्यधिक ठंड में (२°c-३°c) होने के बावजूद ८०० किलोमीटर की यात्रा पूरी की, इस दौरान एक पैर में तीव्र वेदना होने के बावजूद वे गुरु नाम का जाप करते हुए बिना किसी सहायता के यात्रा पूरी की।
मुनि श्री जी की विशेषता यह है कि वे ज्ञान के भंडार हैं और समय के अत्यंत पाबंद हैं। उनका स्वभाव अत्यंत सरल और मृदु है। वे समाज को जोड़कर रखने वाले हैं और उनकी वाणी अत्यंत मीठी एवं मधुर है। वे हमेशा ज्ञान, ध्यान और जप में लीन रहते हैं। मुनि श्री जी का व्यक्तित्व छोटा होने के बावजूद अद्वितीय है और वे सभी के बीच स्नेह और वात्सल्य का स्रोत हैं।
#ViniyogsagarjiViragSagarji1963
मुनी श्री १०८ विनियोग सागरजी महाराज
Acharya Shri 108 Virag Sagarji Maharaj 1963
आचार्य श्री १०८ विराग सागरजी महाराज १९६३ Acharya Shri 108 Virag Sagarji Maharaj 1963
Chaturmas 2018 to 2024:
2018- Sammedshikharji, Jharkhand
2019- Kolkata, West Bengal
2020- Etawah, Uttar Pradesh
2021- Gwalior, Madhya Pradesh
2022- Gurgaon, Haryana
2023- Shreyanshgiri, Panna, Madhya Pradesh
2024- Brijpur, Panna, Madhya Pradesh
ViragSagarJi1963Vimalsagarji
Muni Shri 108 Viniyog Sagarji Maharaj received Initiation from Acharya Shri 108 Virag Sagarji Maharaj.
Muni Shri 108 Vinayog Sagarji Maharaj's birth name was Akash Jain 'Golu'. He was born on July 13, 1999, during the Ashadh Krishna Amavasya, in Gwalior, Madhya Pradesh. His parents are Mrs. Savita Jain and Mr. Ravindra Jain 'Ravi'. Muni Shri took the Brahmacharya vow on May 10, 2017, at Siddhakshetra Sonagirji, Datia, Madhya Pradesh, with Param Pujya Ganacharya Shri 108 Viragsagarji Maharaj as his guru. He then received the Kshullak Diksha on November 2, 2017, in Delhi, and the Ailak Diksha on December 12, 2018, at Sammed Shikharji, Jharkhand. He received the Muni Diksha on February 13, 2023, at Viragiday Teerth Dharmdham Patharia, Madhya Pradesh, again from his guru, Param Pujya Ganacharya Shri 108 Viragsagarji Maharaj.
The reason for Muni Shri's renunciation was his strong feeling expressed in the line: "If worldly pleasure is poison, why would Tirthankaras renounce it? Why do we engage in austerity and devotion to Lord Shiva?" He has taken a lifetime vow of giving up curd and oil. His interests include self-study, chanting, and devotional songs.
Muni Shri 108 Vinayog Sagarji Maharaj has traveled across various states of India from 2017 to 2024. In 2023, while traveling from Delhi for the Viragoday Teerth Mahamotsav, he completed an 800-kilometer journey despite intense cold (2°C-3°C) and severe pain in one leg, continuing his journey by chanting the Guru's name without any assistance.
Muni Shri's qualities are exceptional. He is a storehouse of knowledge and strictly adheres to time. His nature is extremely simple and gentle. He is a unifier in society and his speech is sweet and melodious. Despite his young age, his discipline and adherence to spiritual practice are extraordinary. He is a source of love and affection to all and is always immersed in knowledge, meditation, and chanting. Muni Shri's character cannot be fully described in words—he is truly a remarkable personality.
Muni Shri 108 Viniyog Sagarji Maharaj
आचार्य श्री १०८ विराग सागरजी महाराज १९६३ Acharya Shri 108 Virag Sagarji Maharaj 1963
आचार्य श्री १०८ विराग सागरजी महाराज १९६३ Acharya Shri 108 Virag Sagarji Maharaj 1963
Acharya Shri 108 Virag Sagarji Maharaj 1963
Chaturmas 2018 to 2024:
2018- Sammedshikharji, Jharkhand
2019- Kolkata, West Bengal
2020- Etawah, Uttar Pradesh
2021- Gwalior, Madhya Pradesh
2022- Gurgaon, Haryana
2023- Shreyanshgiri, Panna, Madhya Pradesh
2024- Brijpur, Panna, Madhya Pradesh
Acharya Shri 108 Virag Sagarji Maharaj
#ViniyogsagarjiViragSagarji1963
ViragSagarJi1963Vimalsagarji
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ViniyogsagarjiViragSagarji1963
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