(M) आहार सामग्री के भक्ष्य, अभक्ष्य की जानकारी एवं आवश्यक निर्देश:- सभी ऋतुओं में एक समान मर्यादा वाले पदार्थ: ४८ निनिट- दूध (बिना उबला), छौछ (बाद में जल अथवा मीठा मिलाने पर), पिसा नमक (बूरे, मिर्ची, खारक, किशमिश आदि से मिला दहीं) ६ घंटे- पिसा नमक (मसाला मिलाने पर), खिंचडी, रायता, कढ़ी, दाल, सब्जी, चावल […]
मौसम के अनुसार स्वास्थ्य वर्धक आहार सामग्री ग्रीष्म ऋतु में देने योग्य स्वास्थ्य वर्धक पदार्थ: पेय पदार्थ आम का पना (कच्चे आम उबालकर उसका रस) नीबू का पानी, पुदीना सूखा अथवा गीला, नमक, मीठा, ग्लूकोज (नमक व मीठा), बेल का रस, संतरे का रस, अनार का रस, अनानास का रस, खरबूजे का रस, छाछ पतली […]
Add Your Heading Text Here A पूजन एवं आहारदान संबंधी निर्देश 2. B. आहारदान की निम्न आवश्यक पात्रतायें एवं निर्देश 3. C निरन्तराय आहार हेतु सावधानियाँ एवं आवश्यक निर्देश 4. D फल, साग की सही प्रासुक विधि एवं सावधानियाँ 5. E आहार सामग्री की शुद्धि भी आवश्यक 6. F आहार दान में विज्ञान 7. G भोमभूमि का […]
(J) आहार दान ऐसे करें- लेखक पं. श्री रतनलाल जी वैनाड़ा, आगरा वर्तमान में दिगम्बर जैन साधु एवं आर्यिकाओं की संख्या में अत्यधिक वृद्धि देखने में आ रही है। पूरे देश के हर प्रांत में दिगम्बर जैन साधु एवं आर्यिकाओं का विहार निरन्तर होते देखा जा रहा है। प्रत्येक कस्बे या जिले में वर्ष में […]
(1) कुएँ बन सकते हैं प्रत्येक घर में: राजस्थान एवं गुजरात प्रांत में देखा जाता है कि जहाँ कुएँ नहीं है, वहाँ श्रामक मंदिर में या अपने घरों में लगभग ८-१० फीट चौडा और २०-२५ फीट गहरा जमीन के अंदर एक कुआँ जैसा खोद लेते हैं, जिसे टाँका कहते हैं। उसे भरने से पहले अच्छे […]
(H) आहारदान की महिमा: दरिद्र रहना अच्छा है किन्तु वानहीन होकर जीना अच्छा नहीं है क्योंकि धन महा मोह का कारण है। दुष्परिणाम युक्त पाप का बीज है नरक का हेतु दुःखों की खान एवं दुर्गति देने में समर्थ है। जिस प्रकार सब रत्नों में श्रेष्ठ वज्र (हीरा) हे पर्वतों में श्रेष्ठ सुमेरू पर्वत है, […]