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#AnuttarSagarJiMaharaj1977VishuddhaSagarJi
Muni Shri 108 Anuttar Sagar Maharaj ji was born on 6 August 1977 in Bhopal, Madhya Pradesh. His name was Jitendra Jain in Planetary state. He received initiation from Acharya Shri 108 Vishuddha Sagar ji Maharaj.
खास बात
पूरी दुनिया में इनकी तपस्या की हो रही है चर्चा गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड में नाम दर्ज जैनमुनि बनकर रचा इतिहास आचार्य श्री १०८ विशुद्धसागर जी महाराज के संघ में रहकर इन्होंने जैन मुनि बनने के लिए अभ्यास शुरु किया। जितेन्द्र कई दिनों तक बिना अन्न जल ग्रहण किये ध्यान लगाते रहे।
आचार्य श्री विशुद्धसागर जी महाराज ने इन्हें जैन शास्त्रों का अध्ययन कराया। 2011 में इन्हें मुनि दीक्षा दी। दीक्षा के बाद इनका नाम मुनिश्री १०८ अनुत्तर सागर रखा गया। मुनि बनने के बाद इन्होंने लंबे समय तक मौन साधना करके ज्ञान प्राप्त किया। फिर इन्होंने जैन शास्त्रों में वर्णित उपवासों (बिना अन्न जल ग्रहण किये) की साधना की। पिछले 11 वर्ष में इन्होंने 1415 दिन बिना अन्न जल ग्रहण किये मौन रहकर बेहद कठोर तपस्या की है।
December 2023
The most influential Shishya of Charya Shiromani Acharya Shri 108 Vishuddha Sagarji Maharaj, The supreme ascetic, self-conquering saint, Muni Shri 108 Anuttar Sagarji Maharaj Fast was on 22/12/23 Friday, 23/12/23 Saturday. Parana - Date 24/12/23 was on Sunday.
पूरी दुनिया में इनकी तपस्या की हो रही है चर्चा गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड में नाम दर्ज जैनमुनि बनकर रचा इतिहास आचार्य श्री १०८ विशुद्धसागर जी महाराज के संघ में रहकर इन्होंने जैन मुनि बनने के लिए अभ्यास शुरु किया। जितेन्द्र कई दिनों तक बिना अन्न जल ग्रहण किये ध्यान लगाते रहे।
आचार्य श्री विशुद्धसागर जी महाराज ने इन्हें जैन शास्त्रों का अध्ययन कराया। 2011 में इन्हें मुनि दीक्षा दी। दीक्षा के बाद इनका नाम मुनिश्री १०८ अनुत्तर सागर रखा गया। मुनि बनने के बाद इन्होंने लंबे समय तक मौन साधना करके ज्ञान प्राप्त किया। फिर इन्होंने जैन शास्त्रों में वर्णित उपवासों (बिना अन्न जल ग्रहण किये) की साधना की। पिछले 11 वर्ष में इन्होंने 1415 दिन बिना अन्न जल ग्रहण किये मौन रहकर बेहद कठोर तपस्या की है।
#AnuttarSagarJiMaharaj1977VishuddhaSagarJi
मुनि श्री १०८ अनुत्तर सागरजी महाराज
Acharya Shri 108 Vishuddha Sagar Maharaji 1971
आचार्य श्री १०८ विशुद्ध सागर महाराजजी १९७१ Acharya Shri 108 Vishuddha Sagar Maharaji 1971
Chaturmas 2020 Basokund,Vaishali,Bihar
VishuddhaSagarMaharaji1971ViragSagarJi
Muni Shri 108 Anuttar Sagar Maharaj ji was born on 6 August 1977 in Bhopal, Madhya Pradesh. His name was Jitendra Jain in Planetary state. He received initiation from Acharya Shri 108 Vishuddha Sagar ji Maharaj.
खास बात
पूरी दुनिया में इनकी तपस्या की हो रही है चर्चा गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड में नाम दर्ज जैनमुनि बनकर रचा इतिहास आचार्य श्री १०८ विशुद्धसागर जी महाराज के संघ में रहकर इन्होंने जैन मुनि बनने के लिए अभ्यास शुरु किया। जितेन्द्र कई दिनों तक बिना अन्न जल ग्रहण किये ध्यान लगाते रहे।
आचार्य श्री विशुद्धसागर जी महाराज ने इन्हें जैन शास्त्रों का अध्ययन कराया। 2011 में इन्हें मुनि दीक्षा दी। दीक्षा के बाद इनका नाम मुनिश्री १०८ अनुत्तर सागर रखा गया। मुनि बनने के बाद इन्होंने लंबे समय तक मौन साधना करके ज्ञान प्राप्त किया। फिर इन्होंने जैन शास्त्रों में वर्णित उपवासों (बिना अन्न जल ग्रहण किये) की साधना की। पिछले 11 वर्ष में इन्होंने 1415 दिन बिना अन्न जल ग्रहण किये मौन रहकर बेहद कठोर तपस्या की है।
December 2023
The most influential Shishya of Charya Shiromani Acharya Shri 108 Vishuddha Sagarji Maharaj, The supreme ascetic, self-conquering saint, Muni Shri 108 Anuttar Sagarji Maharaj Fast was on 22/12/23 Friday, 23/12/23 Saturday. Parana - Date 24/12/23 was on Sunday.
Muni Shri 108 Anuttar Sagar Maharaj ji was born on 6 August 1977 in Bhopal, Madhya Pradesh. His name was Jitendra Jain in Planetary state. He received initiation from Acharya Shri 108 Vishuddha Sagar ji Maharaj.
http://www.shramansanskriti.com/
Muni Shri 108 Anuttar Sagarji Maharaj
आचार्य श्री १०८ विशुद्ध सागर महाराजजी १९७१ Acharya Shri 108 Vishuddha Sagar Maharaji 1971
आचार्य श्री १०८ विशुद्ध सागर महाराजजी १९७१ Acharya Shri 108 Vishuddha Sagar Maharaji 1971
Acharya Shri 108 Vishuddha Sagar Maharaji 1971
Chaturmas 2020 Basokund,Vaishali,Bihar
Muni Shri 108 Anuttar Sagar Ji Maharaj
#AnuttarSagarJiMaharaj1977VishuddhaSagarJi
VishuddhaSagarMaharaji1971ViragSagarJi
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